Luxury Housing Market Trend in India: भारत की रियल स्टेट (Real Estate) में बड़ा बदलाव हो रहा है. इस बदलाव से लोग हैरान हैं क्योंकि एक तरफ सस्ते घरों की बिक्री घट रही है, वहीं दूसरी तरफ महंगे घरों की मांग बनी हुई है. खासकर दिल्ली-एनसीआर जैसे बड़े शहरों में लग्जरी फ्लैट्स की डिमांड काफी ज्यादा है.
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ToggleDelhi-NCR में महंगे घरों की डिमांड (Luxury Housing Market Trend in India)
कुशमैन एंड वेकफील्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Delhi-NCR देश के बाकी शहरों से लक्जरी फ्लैट्स की मांग में सबसे आगे है. दिल्ली-एनसीआर मार्च तिमाही में कुल नए लॉन्च होने वाले फ्लैट्स में से 61 प्रतिशत सिर्फ लग्जरी वाले थे. ये बताता है कि दिल्ली-एनसीआर में महंगे घरों की डिमांड काफी मजबूत है. वहीं अगर मुंबई और बेंगलुरु की बात करें, तो वहां कुल लॉन्च होने वाले फ्लैट्स में लग्जरी फ्लैट्स की हिस्सेदारी क्रमशः 26 और 19 प्रतिशत थी.
इन महंगे घरों को माना लग्जरी
Cushman & Wakefield की रिपोर्ट में जिन घरों की कीमत कम से कम 15 हजार रुपये प्रति स्क्वायर फीट है, उन्हें लग्जरी की कैटेगरी में रखा गया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के आठ प्रमुख शहरों में लग्जरी अपार्टमेंट की बिक्री बढ़ी है, लेकिन यह दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा है. यहां लग्जरी अपार्टमेंट लॉन्च होते ही बिक जा रहे हैं, यानी उनकी डिमांड काफी तगड़ी है.
कोविड के बाद बदला है ट्रेंड
रिपोर्ट ये भी कहती है कि ये ट्रेंड कोरोना महामारी के बाद से देखने को मिल रहा है और लग्जरी घरों को खरीदने वाले ज्यादा ग्राहक सामने आ रहे हैं. ये लगभग सभी शहरों में देखा जा सकता है. उदाहरण के तौर पर, अहमदाबाद में साल 2019 में लग्जरी फ्लैट्स की बिक्री सिर्फ 6 प्रतिशत थी, जो 2024 में बढ़कर 38 प्रतिशत हो गई है. इसी तरह, पिछले 5 सालों में बेंगलुरु में लग्जरी घरों की बिक्री 11 प्रतिशत से 19 प्रतिशत, चेन्नई में 9 प्रतिशत से 28 प्रतिशत और हैदराबाद में 42 प्रतिशत से 53 प्रतिशत तक बढ़ गई है.
इस रिपोर्ट में भी सामने आई बात
रिपोर्ट के मुताबिक, इसी तरह की बात पिछले हफ्ते हाउसिंग ब्रोकरेज फर्म PropTiger ने भी अपनी रिपोर्ट में कही थी. PropTiger के अनुसार, जहां मार्च तिमाही में लग्जरी घरों की मांग बढ़ी, वहीं किफायती घरों की मांग कम हो गई.
रिपोर्ट के मुताबिक, 45 लाख रुपये से 75 लाख रुपये के बीच की कैटेगरी के घरों की बिक्री मार्च तिमाही में 26 प्रतिशत पर ही ठहरी रही. वहीं इस दौरान 75 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच वाले घरों की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत से बढ़कर 15 प्रतिशत हो गई. 1 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत वाले घरों की बात करें तो कुल बिक्री में इनकी हिस्सेदारी एक साल पहले के 24 प्रतिशत से बढ़कर 37 प्रतिशत हो गई है.
ऐसे कम हुई सस्ते घरों की बिक्री
उसी समय, कुल बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी घटकर 22 प्रतिशत रह गई. कुल बिक्री में 25 लाख रुपये से कम वाले घरों की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत थी. इसी तरह, 25 लाख रुपये से 45 लाख रुपये के बीच वाले घरों की हिस्सेदारी घटकर 17 प्रतिशत हो गई.
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