Adani Green Energy Plant: Adani Group के मालिक Gautam Adani, जो भारत के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं, ग्रीन एनर्जी की तरफ तेजी से बढ़ रहे है। अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए, Adani Group ने बंजर ज़मीन पर दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन एनर्जी प्लांट बनाया है। ये प्लांट पेरिस शहर से पांच गुना ज्यादा बड़ा है! इतना ही नहीं, जब ये पूरा चल पड़ेगा, तो इतनी बिजली पैदा करेगा कि कई देशों की पूरी जरूरतों से ज्यादा होगी.
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Toggleकहा बना है Adani Green Energy Plant
ये पूरा ग्रीन एनर्जी प्लांट Gautam Adani की कंपनी Adani Green Energy Limited ने बनाया है। ये प्लांट गुजरात के खावड़ा में, पाकिस्तान की सीमा के पास बनाया गया है। इस प्लांट में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा से ग्रीन एनर्जी पैदा की जाएगी। पूरा प्लांट 538 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि फ्रांस की राजधानी पेरिस से करीब 5 गुना ज्यादा बड़ा है!
अभी इतनी है उत्पादन की क्षमता
फिलहाल इस प्लांट की क्षमता 2 हजार मेगावाट यानी 2 गीगावाट बिजली पैदा करने की है। बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट में अडानी ग्रीन एनर्जी के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन के हवाले से बताया गया है कि कंपनी की योजना वित्तीय वर्ष 2024-25 में क्षमता को और 4 गीगावाट तक बढ़ाने की है।
पूरी क्षमता पर इतनी बिजली बनाएगा प्लांट
जब ये प्लांट पूरी तरह से तैयार हो जाएगा और पूरी क्षमता से काम करेगा, तो ये 30 गीगावाट स्वच्छ बिजली पैदा करेगा। इनमें से 26 गीगावाट सोलर से और 4 गीगावाट पवन ऊर्जा से पैदा किए जाएंगे। कंपनी का कहना है कि खावड़ा प्लांट अपने चरम पर 81 बिलियन यूनिट बिजली पैदा करेगा, जो कि बेल्जियम, चिली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों की पूरी खपत से भी ज्यादा है।
कर्मचारियों के लिए ये सुविधाएं बना रहा अडानी ग्रुप
Adani group ने इस प्लांट पर काम 2022 में शुरू किया था। ये प्लांट इतने सुनसान इलाके में बना है कि वहां से कोई भी गांव या शहर 80 किलोमीटर दूर है। लेकिन, अडानी ग्रुप ने साथ ही साथ वहां काम करने वाले लोगों के लिए रहने की जगह और दूसरी बुनियादी सुविधाएं भी बनाने की योजना बनाई है। कंपनी वहां 8 हज़ार कर्मचारियों के लिए घर बना रही है। कॉलोनी में मोबाइल फोन की दुकान जैसी सुविधाएं भी कंपनी ही तैयार करेगी। इसके अलावा, वहां पीने का पानी मुहैया कराने के लिए समुद्री desalination plants भी लगाए जा रहे हैं, क्योंकि इतनी दूर (700 मीटर नीचे) से मिलने वाला ज़मीन का पानी भी वहां खारा है।
इन कारणों से प्लांट के लिए आदर्श जगह
अडानी का ये प्लांट पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा से सिर्फ 1 किलोमीटर दूर है। प्लांट और सीमा के बीच के इलाके की निगरानी बीएसएफ करती है। खावड़ा की भौगोलिक स्थिति काफी मुश्किलें पैदा करती है। साल में चार-पांच महीने यहां धूल भरी आंधियां चलती रहती हैं। इसके अलावा, यहां की मिट्टी ऐसी है कि बारिश का पानी भी सोख नहीं पाती। हालांकि, इस इलाके में लद्दाख के बाद सबसे ज्यादा सोलर रेडिएशन पाया जाता है, जो सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए बेहतर स्थिति है। साथ ही, 8 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से चलने वाली तेज हवा भी इस जगह को पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए आदर्श बनाती है।
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